आज़ादी क्या है इनकी नज़र में ?
महादेवी बिरला वर्ल्ड एकेडमी की छात्राएँ स्वतंत्रता की परिभाषा कुछ इस तरह से गढ़ती हैं -
प्रेरणा बैनर्जी - समान अधिकार मिलना ही आज़ादी है ।
देबोलीना चैटर्जी - इच्छानुसार हर कार्य करने का हक़ मिलना ही आज़ादी है ।
शिवांगी भक्कड़ - भेद - भाव से ऊपर उठना ही आज़ादी है ।
सिमरन अरोड़ा - प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार मिलना आज़ादी है ।
तन्वी वोरा - खुली हवा में साँस लेना , किसी के अधीन न रहना और अपनी इच्छा से जीवन जीना ही आज़ादी है ।
विधि अग्रवाल - जातिगत भेद - भाव से ऊपर उठना आज़ादी है ।
साओनी साहा - अपनी तरह से ज़िन्दगी को जीना आज़ादी है ।
अलीज़ा रज़ा - अपने सपनों को आकार देना और अपने लक्ष्य को पा लेना आज़ादी है ।
मेधावी गुप्ता - गरीबी का मिट जाना और हर भूखे तक रोटी का पहुँचना ही आज़ादी है ।
वेदांशी टिबरेवाल - कहीं भी स्वच्छन्दतापूर्वक जाने का अधिकार मिलना आज़ादी है ।
शाइक़ा इशाक - आज़ादी एक एहसास है । आज़ाद देश में सभी को समान सम्मान मिलना चाहिए ।
मीमांसा गुप्ता - जातिगत , धर्मगत और लिंग भेद से मुक्त होना ही आज़ादी है ।
बच्चों में जागरूकता लाने की महत्वपूर्ण पहल। बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद राजेश्वर जी ।
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