Wednesday 13 August 2014


आज़ादी  क्या  है इनकी  नज़र में ? 



            
 महादेवी बिरला वर्ल्ड एकेडमी की छात्राएँ स्वतंत्रता की परिभाषा  कुछ इस तरह से गढ़ती हैं -


 प्रेरणा  बैनर्जी - समान अधिकार मिलना  ही आज़ादी  है । 

  देबोलीना चैटर्जी -  इच्छानुसार हर कार्य करने का हक़ मिलना ही आज़ादी है । 

शिवांगी भक्कड़ - भेद - भाव से ऊपर उठना ही आज़ादी है । 

सिमरन अरोड़ा - प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार मिलना आज़ादी है । 

तन्वी वोरा - खुली हवा में साँस लेना , किसी के अधीन न रहना और अपनी इच्छा से जीवन जीना ही आज़ादी है । 

विधि अग्रवाल - जातिगत भेद - भाव से ऊपर उठना आज़ादी है । 

साओनी साहा - अपनी तरह से ज़िन्दगी को जीना  आज़ादी है । 

अलीज़ा रज़ा - अपने सपनों को आकार देना और अपने लक्ष्य को पा लेना  आज़ादी है । 

मेधावी गुप्ता - गरीबी का मिट जाना और हर भूखे तक रोटी का पहुँचना ही आज़ादी है । 

वेदांशी टिबरेवाल - कहीं भी स्वच्छन्दतापूर्वक जाने का अधिकार मिलना आज़ादी है । 

शाइक़ा इशाक - आज़ादी एक एहसास है । आज़ाद देश में सभी को समान सम्मान मिलना चाहिए । 

मीमांसा गुप्ता - जातिगत , धर्मगत और लिंग भेद से मुक्त होना ही आज़ादी है ।  


2 comments:

  1. बच्चों में जागरूकता लाने की महत्वपूर्ण पहल। बधाई।

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    1. धन्यवाद राजेश्वर जी ।

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