बारिश ! एक खूबसूरत एहसास ! याद आती हैं गीली पगडंडियाँ , करौंदे , मेंहदी , सफ़ेद कुंइयाँ ,कमल के गुलाबी फूल , धान के खेत , झूले , कजरी , बूँदों के छल्ले , डगमगाती नाव , गंगा का मटमैला आँचल और माँ की आँखों के इंद्रधनुष ! बाबूजी की बाँहों का बरगद और उसके पत्तों से छन- छन कर गिरती वात्सल्य की बूँदे !
बारिश जैसे ख्वाबों की दुनिया में लौटना , बारिश जैसे हथेलियों पर मोतियों का चमकना ,
बारिश जैसे मन के आकाश में बादलों का घिरना ....
बारिश जैसे ख्वाबों की दुनिया में लौटना , बारिश जैसे हथेलियों पर मोतियों का चमकना ,
बारिश जैसे मन के आकाश में बादलों का घिरना ....
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