tag:blogger.com,1999:blog-5976073495710900649.post2026331623211016766..comments2016-08-12T02:06:14.639-07:00Comments on संवाद: नीलम सिंहhttp://www.blogger.com/profile/14575149767326937041noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5976073495710900649.post-64980082736355124582011-10-24T08:56:56.208-07:002011-10-24T08:56:56.208-07:00ऐसी संवेदना हीं किसी रचनाकार को सामान्य से विशिष्ट...ऐसी संवेदना हीं किसी रचनाकार को सामान्य से विशिष्ट बना देती है | अग्रज वाहिद के समान मै भी निरुत्तर हूँ |Baijnath Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/11528503952464340932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5976073495710900649.post-84419018740430346112011-07-04T09:57:15.606-07:002011-07-04T09:57:15.606-07:00यह कविता बस कविता सी है।
इसकी तुलना कविता ही है॥
...यह कविता बस कविता सी है।<br /> इसकी तुलना कविता ही है॥<br />गठरी वाली भारत माता का भारत मेँ शुभ दर्शन है।<br />पहले जग क्रन्दन करता था अब भारत करता क्रन्दन है॥यह कविता बस कविता सी है।<br /> इसकी तुलना कविता ही है॥<br />गठरी वाली भारत माता का भारत मेँ शुभ दर्शन है।<br />पहले जग क्रन्दन करताManoj Kumar Singh 'Mayank'https://www.blogger.com/profile/13509670923925698841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5976073495710900649.post-89624414316292131102011-07-03T04:11:19.653-07:002011-07-03T04:11:19.653-07:00इस कविता की प्रशंसा के लिए मुझे शब्द ही नहीं मिल र...इस कविता की प्रशंसा के लिए मुझे शब्द ही नहीं मिल रहे| निरुत्तर करने के लिए आपका आभारी हूँ|वाहिद काशीवासीhttps://www.blogger.com/profile/02314149874254668188noreply@blogger.com